गीता दृष्टि




इन्द्रिय - बिषय से सम्बंधित छ : बातें


आँख , कान , नाक , जिह्वा और त्वचा के माध्यम से ------
द्रश्य , रूप - रंग , ध्वनि , गंध , स्वाद और संवेदना के माध्यम से हम प्रकृति से जुड़े हुए हैं ॥

बिषय अपनें अन्दर राग - द्वेष की ऊर्जा रखते हैं और हम उनसे आकर्षित होते रहते हैं ॥

राग - भय और क्रोध रहित ब्यक्ति प्रभु में होता है ॥

राग , भय एवं क्रोध रहित ब्यक्ति ज्ञानी होता है ॥

इन्द्रिय सुख लगता तो भला है पर उसका परिणाम दुःख में होता है ॥

इन्द्रिय , मन और बुद्धि में जिस गुण की ऊर्जा होती है मनुष्य का वैसा स्वभाव होता है
और वैसा वह सोचता एवं करता है ॥

===== ॐ ======

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