गीता यात्रा

 

बीत राग भय क्रोधा:

यत - मया मां उपाश्रिता :

वहव : ज्ञान तपसा 

पूता : मत् भावं आगता :

गीता – 4.10

 

राग भय एवं क्रोध रहित ब्यक्ति का कदम ज्ञान में होता है //

ज्ञान प्रभु मय बनाता है //

 

One step beyond the boundary of three natural modes viz sattvik , rajas and tamas lies the GYANA . It is gyana which purifies the intuitive energy and one gets filled with the absolute truth .

Beyond the gravity of the three modes there is a strong gravity of the Real Supreme One .

==== om ======

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