गीता सन्देश - 07 [ gita sandesh - 07 ]
गीता तत्त्व विज्ञान में हम उन तत्वों को देखनें जा रहे हैं जिनके माध्यम से ........ [क] हम प्रभु मय हो सकते हैं , या ..... [ख] जो प्रभु से हमें दूर रखते हैं ॥ भोग में बसे रहनें का इरादा , प्रभु से हमें दूर रखता है , और .... भोग को प्रभु तक पहुंचनें का मार्ग समझना , हमें प्रभु मय बना देता है ॥ गीता में प्रभु अर्जुन के माध्यम से हम सब को कहते हैं :------ [क] ज्ञानेन्द्रियाँ जब अपनें - अपनें बिषयों में पहुंचती हैं तब , अन्दर क्या घटित होता है , इसे समझो ? विज्ञान में विद्युत् ऊर्जा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचानें के लिए दो तारों को जोड़ना पड़ता है और मन - बुद्धि में ऊर्जा के प्रवाह को समझनें के लिए किसी एक ज्ञान इन्द्रिय को उसके बिषय से मिलाना पड़ता है । जब कोई इन्द्रिय अपने बिषय से मिलाती है , तब ----- मन - बुद्धि में एक ऊर्जा बहनें लगती है , जिसको आसक्ति कहते हैं । आसक्ति को हम अगले अंक में देखेंगे , यहाँ अभी इन्द्रिय और बिषय को समझनें की कोशिश जारी है । मन के फैलाव रूप में पांच ज्ञानेन्द्रियाँ हैं जिनका काम है , संसार में स्थित बिषयों के सम्बन्ध में सूचनाओं को एकत्रित करना और उन...