गीता अमृत - 48
मृत्यु एक परम सत्य है ** विज्ञान के पास मृत्यु से अछूता क्या है ? ** इतिहास का क्या होता , यदि मृत्यु शब्द न होता ? ** जन्मसे पहले और मृत्यु के बाद की गणित क्या विज्ञान के पास है ? ** क्या विज्ञान के पास अमरत्व की दवा है ? ** पृथ्वी से अंतरिक्क्ष तक में विज्ञान क्या खोज रहा है ? गीता कहता है [ गीता सूत्र 8.16 ] ब्रह्म लोक सहित सभी लोक एवं लोकों की सूचनाएं सब जन्म , जीवन मृत्यु एवं पुनः जन्म के चक्र में हैं । गीता कहता है - यदि तुम चाहो तो आवागम से मुक्त हो सकते हो .... कैसे ? देखिये गीता में यहाँ ------- [क] गीता - 12.7 - 12.8 ...... कृष्ण मय होनें पर ----- [ख] गीता सूत्र - 18.55 - 18.56 .... परा भक्त बन कर --- [ग] गीता सूत्र - 16.21 - 16.22 .... काम क्रोध लोभ की गणित को जान कर ---- [घ] गीता सूत्र - 15.51, 12.3 - 12.4, 14.19, 14.23 .... समभाव , द्रष्टा , साक्षी , मन - बुद्धि से परे की की अनुभूति वाला बन कर ----- [च] गीता सूत्र - 13.34, 14.20 .... क्षेत्र - क्षेत्रज्ञ एवं प्रकृति को जान कर ------ [छ] गीता सूत्र - 13.30, 6.29 - 6.30 ..... सब को परमात्मा से परमात्मा में देखनें वाला होने...