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अर्जुन के प्रश्न

गीता में अर्जुन श्री कृष्ण को सुनते नहीं क्योंकि अध्याय 18 का पहला श्लोक भी प्रश्न है लेकिन श्लोक 18.73 से स्पष्ट है कि अंत में वे प्रश्न रहित हो जाते हैं । आएये अब हम चलते हैं अर्जुन के प्रश्नों को देखनें हैं । प्रश्न-1 श्लोक 2।54 स्थिर प्रज्ञ की पहचान क्या है ? प्रश्न-2 श्लोक 3.1 कर्म से उत्तम यदि ज्ञान है तो आप मुझको कर्म में क्यों उतारना चाहते हैं ? प्रश्न - 3 श्लोक 3.36 मनुष्य पाप क्यो करता है ? प्रश्न-4 श्लोक 4.4 आप सूर्य को काम-ज्ञान कैसे दिया ? प्रश्न-5 श्लोक 5.1 कर्म-योग एवं कर्म संन्यास में उत्तम कौन है ? प्रश्न-6 श्लोक 6.33--6.34 मन के बेग को कैसे शांत करें ? प्रश्न-7 श्लोक 6.37--6.39 श्रद्धावान असंयमी योगी कि मृत्यु के बाद क्या गति होती है ? प्रश्न-8 श्लोक 8.1-8.2 ब्रह्म,अध्यात्म,कर्म,अधीभूत,अधिदेव एवं अधियज्ञ क्या हैं ? प्रश्न-9 श्लोक 10.12--10.18 मैं आप को किन-किन रूपों में जानू ? प्रश्न-10 श्लोक 11.1--11.4 आप अपनें ऐश्वर्य रूपों को दिखाएँ ? प्रश्न- 11 श्लोक 11.15--11.31 आप उग्र रूप वाले कौन हैं ? प्रश्न-12 श्लोक - 11.36--11.46 आप अपना विष्णु रूप दिखाएँ ? प्रश्न-13 श्ल