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भूत - प्रेत

भूत - प्रेत से डरो नहीं , भूत - प्रेत बननें से बचो भूत - प्रेत योनी को प्रभुनें नहीं बनाया , यह योनी मनुष्य की अपनीं उपज है । मनुष्य जो काम शरीर रहते नहीं कर पाता उस काम को भूत - प्रेत बन कर पूरा करना चाहता है या नया जन्म ले कर उस काम को करता है । सघन अतृप्त कामनाएं मनुष्य को यातो नए जन्म में पहुंचाती हैं या भूत - प्रेत योनी में ले जाती हैं [गीता - 8।6 , 15।8 ]। कामना - अहंकार की सघनता , भूत - प्रेत योनी के मार्ग हैं । भूत - प्रेत को किसनें जाना ? सर ओलिवर जोसेफ लाज जो एक वैज्ञानिक थे , जिन्होनें इथर की कल्पना करके ब्रह्माण्ड को खोजने का एक मार्ग बनाया था , कहते हैं ----वैज्ञानिक नियम तो बदलते रहते हैं जिनको सत्य कहना कुछ कठीन है लेकीन भूत - प्रेत का होना परम सत्य है । L.Rom Hubbard, Edgar Cayce , Sigmund Freud ये सभी लोग भूत - प्रेत में पूरी आस्था रखते थे । निजाम हैदराबाद को भूत - प्रेतों से इतना भय था की वे रात को सोते समय अपना एक पैर नमक के लोटे में रखते थे । भूत - प्रेतों को कौन देखता है ? भूत - प्रेतों को या तो सिद्ध योगी देखते हैं या वह देखता है जो पुरी तरह भय में हो , ऐसा क...