अहंकार को समझो - 02

आखिर क्या है यह अहंकार ?

कुछ बातें यहाँ दी जा रही है हो सकता है आप को कुछ सहूलियत मिले ,
अहंकार को समझनें में ।

[क] गुणों का द्रष्टा ज्ञानी होता है
और अहंकार का द्रष्टा योगायुक्त योगी होता है ॥

[ख] अहंकार परायों को अपना
और अपनों को पराया बना कर पेश करता है ॥

[ग] अहंकार एक ऎसी अग्नि है जिसमें धुँआ नही होता ॥

[घ] भिखारी का अहंकार ज्यादा बिषैला होता है
राजा के अहंकार की तुलना में ॥

[च] अहंकार का नियंत्रण इन्द्रिय , मन और बुद्धि पर होता है ॥
[छ] अहंकार खाली पेट रहनें को बाध्य कर देता है ॥

[ज] अहंकार की ऊर्जा में मन की गति और तेज हो जाती है ॥

[झ] अहंकार सत की ओ र रुख नहीं करनें देता ॥

[त] अंततः अहंकार मौत के मुह में पहुंचा देता है ॥

====ॐ=====

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