गीता में क्या है ?

गीता कब लिखा गया ......
गीता को लिखनें वाला कौन है ? ....

इन प्रश्नों में ऐसे लोग उलझते हैं , जो ......
तर्क के बाहर निकलना नहीं चाहते ॥
दो बातें हैं ......
तर्क , और .....
समर्पण ॥
जो बुद्धि से कुछ कमजोर है , वह प्रारम्भ में समर्पित हो जाता है , और जो .....
बुद्धि के धनी हैं , वे थकनें के बाद समर्पण में पहुँचते हैं ॥

गीता का लेखक चाहे कोई भी रहा हो लेकीन वह ......
पूर्ण रूप से बुद्धि का धनी ब्यक्ति रहा होगा ॥

गीता के शब्दों को देखिये -----
योगी , सन्यासी , कर्म - योगी , सांख्य - योगी , ज्ञान - योगी , बैरागी , स्थिर - प्रज्ञ , ...
कुछ इस प्रकार के शब्दों की श्रृंखला है , और
दूसरी श्रृंखला है .....
आसक्ति , काम , कामना , क्रोध , लोभ , मोह , भय , आलस्य और अहंकार जैसे शब्दों की ,
और ....
योग- युक्त , ब्रह्म युक्त , तत्ववित्तु , गुनातीत , परा भक्त , कुछ ऐसे भी शब्द हैं ॥
कुछ ऐसे शब्द हैं जैसे - प्रकृति , पुरुष , आत्मा , जीवात्मा , ब्रह्म , माया ,
परमेश्वर , क्षेत्र और क्षेत्रज्ञ ॥

अलजबरा [ बीज गणित ] में एक अध्याय है - पर्मुतेसन और कम्बिनेसन का जिसमें
गिनतियों के जोड़ों को लेकर अनुमानित संख्या में और जोड़ों की रचना की जाती है जैसे .....
एक से दस तक की संख्या में दो संख्याओं को लेकर कितनें जोड़े बनाए जा सकते हैं ?
ठीक कुछ ऐसा ही
परमुतेसन और कम्बिनेसन के आधार पर गीता में भी बताया गया है की ....
ग्यानी कौन है ....
योगी कौन है ...
संन्यासी कौन है ....
योग युक्त कौन है ....
ब्रह्म मय कौन है ... आदि - आदि ॥
यदि आप गणित के ब्यक्ति हैं तो गीता आप को प्रिय तम लगेगा ,
आप कोशीश तो करें ॥

===== ॐ ======

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