बुद्धि योग गीता - 09

गीता श्लोक - 01

धृत राष्ट्र कह रहे हैं अपनें साथी संजय से -------

धर्म क्षेत्र कुरुक्षेत्र में हमारे और पांडू के पुत्र युद्ध की कामना से इकठ्ठे हुए हैं , वे क्या कर रहे हैं ?

धृत राष्ट्र जी एक अंधे ब्यक्ति हैं उनकी मदद के लिए संजय जी उनके साथ हैं । धृत राष्ट्र से रहा नहीं जा रहा , उनके
अन्दर जिज्ञाशा उमड़ रही है , यह जाननें के लिए की युद्ध - क्षेत्र में अभी युद्ध क्यों नहीं प्रारम्भ हो पाया ।
यहाँ हमें मात्र एक बात पर सोचना है , और वह है .......
महा भारत युद्ध होनें से पहले कुरुक्षेत्र धर्म क्षेत्र कैसे था ?
आज जहां कुरुक्षेत्र है उसे आजादी से पूर्व गीता के अलावा और कौन जानता था ? श्री गुलजारी लाल नंदा जी
वर्त्तमान कुरुक्षेत्र का विकाश करवाए और आज एक गाँव से तीर्थ बन गया है ।
कुरुक्षेत्र में जब आप पहुंचेंगे तो वहाँ दो नाम आप को मिलेंगे ; एक कुरुक्षेत्र और दूसरा थानेश्वर ।
थानेश्वर राजा हर्षवर्धन की राजधानी थी । यहाँ के शिव मंदिर पर लगभग दसवी सताब्दी के अंत नें अफगान के
एक राजा नें आक्रमण किया था क्यों की वहाँ काफी धन भरा पडा था । थानेश्वर ४१ शक्ती पीठों में से एक है लेकीन
कुरुक्षेत्र का नाम कहीं भी नहीं आता । थानेश्वर सिंध नदी की सभ्यता के क्षेत्र में आता है ।
अब आप कुछ अपनी बुद्धि इस बिषय पर लगाएं , हो सकता है आप हमसे कुछ आगे बढनें में सफल हों , प्रभु आप के साथ है ।

===== ॐ ======


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