अथर्ववेद

 


अथर्ववेद में श्लोकों की संख्या 5987 बताई जाती है जिनमें से 730 श्लोक ऋग्वेदीय हैं अतः अथर्ववेद के अपने मूल श्लोकों की संख्या 5,257 बनती हैअथर्ववेदमें देवताओंकी स्तुतियाँ , वनस्पति विज्ञान , जड़ी - बूटियों के संबंध में , शल्य चिकित्सा , आयुर्वेद तथा गंभीर बीमारियोंके निदान के संबंधमें बताया गया

 है । राजनीतिके गुह्य सूत्र भी यहाँ मिलते हैं । 

अथर्ववेद की 09  शाखायें हैं जिनमें से 07 लुप्त हो चुकी हैं 

~~◆◆ ॐ ◆◆~~ 08 अक्टूबर


★अथर्वेद का फैलाव दर्शाता , मानचित्र★


अथर्ववेद के निर्माता ऋषि अथर्व हैं ।

अथर्वेद में टोटके , जादू - टोना आदि की कुछ बातें निम्न संदर्भों के अंतर्गत मिलती हैं ⬇️

◆ पर्णमणि ◆ जांगिडमणि ◆ शंखमणि 

★ शतवारमणि ★ कृत्या और अभिचार

~~◆◆ ॐ◆◆~~ 08 अक्टूबर

अथर्व वेद में 20 काण्ड , 730 सुक्त और 5987 मंत्र हैं । 

ब्रह्मज्ञान , औषधि प्रयोग बिधियाँ , रोग निवारण , जंत्र - तंत्र , टोना - टोटका आदि , इसके प्रमुख विषय हैं ।

~~◆◆ ओके◆◆~~ 08 अक्टूबर

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