यजुर्वेद जिज्ञासा क्रमशः

 


उपनिषद् - बोध भाग - 4

उपनिषदों का वर्गीकरण

यहाँ निम्न तालिका में हर वेद के उपनिषदों की संख्या दी जा रही है ⬇️

क्र . सं.

वेद ⬇️

उपनिषदों

 की संख्या 

1

ऋग्वेद

10

2

शुक्ल 

यजुर्वेद

19

3

कृष्ण

 यजुर्वेद

32

4

सामवेद

16

5

अथर्ववेद

31

योग >

05

108


यजुर्वेद के उपनिषद्

◆ शुक्ल और कृष्ण यजुर्वेदों में क्रमशः 19 और 32 उपनिषद् हैं। इस प्रकार ज्ञात 108 उपनिषदों में से 51 उपनिषद् केवल यजुर्वेद के ही हैं ।

★ ईशोपनिषद् शुक्ल यजुर्वेदका अंतिम अर्थात 40 वाँ अध्याय है जिसमें 18 श्लोक हैं ।

ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं 

पूर्णातपूर्णम् उच्यते ।

पूर्णस्य पूर्णमादाय 

पूर्णमेवावशिष्यते ।।

यह हृदय स्पर्शी श्लोक  ईशोपनिषद् के प्रारंभमें आह्वन् के रूपमें दिया गया है जिसका भावार्थ निम्न प्रकार है ⬇

, पूर्ण है , वह , पूर्ण है , यह…

पूर्ण से उदित होता , पूर्ण ही …

यदि पूर्ण से पूर्ण हो निकल दें….

जो शेष रहता , वह भी पूर्ण ही होता है ।।

वह अर्थात परमात्मा , यह अर्थात जगत्

// ॐ //6 अक्टूबर

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