गीता अमृत - 91


कल आज और कल

[क] कल आज से अच्छा था की सोच दुःख पहुंचाती है
[ख] कल आज से अच्छा होगा की सोच वर्तमान में सुख देती है लेकीन कल दुःख भी दे सकती है
[ग] कल आज से खराब होगा की सोच वर्तमान को दुःख से भर देती देती है
[घ] कल आज जैसा होगा की सोच आलस्य पैदा करता है
[च] कुछ लोग दूसरों के दुःख में अपना सुख देखते हैं
[छ] कुछ लोग अपनें सुख में दूसरों के सुख को देखते हैं
[ज] कुछ लोग अपनें को दुखी करके राहत की श्वास भरते हैं
[झ] कुछ लोग दूसरों को दुखी करके खुश होते हैं
[प] भोगी योग से योगानंद तक को अपनें भोग का माध्यम समझता है
[फ] योगी स्वयं को सबका माध्यम समझता है

दस छोटी - छोटी बातें आप के सामनें हैं , जिनको आप जानते भी हैं लेकीन इन बातों को
आप अपनी बुद्धि में रखते हैं या नहीं , यह आप को मालूम होगा ।
जीवन को आनंदित करनें के लिए -----
महल नहीं चाहिए -----
धन नहीं चाहिए ------
स्त्री - पुत्र - पुत्री या परिवार नहीं चाहिए -----
जीवन को आनंद से भरनें के लिए चाहिए ----
ह्रदय में परम प्रीति की एक लहर --
प्रभु पर आस्था ---
लोगों पर विश्वास ---
सरल भोजन ---
सरल जीवन ---
सम्यक निद्रा ---
कुछ कर्म ----
सब को अपना समझना ---
प्रभु उनके संग है जो सब के संग हैं

==== ॐ ======

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