महर्षि पतंजलि के शब्दों में शौच क्या है ?

 पतंजलि योग दर्शन में शौच अष्टांगयोग के दूसरे अंग नियम जा पहला अंग हैं ।

यम की तरह नियम के भी 05 अंग हैं । यम के 05 अंगों जा अभ्यास करना होता है और नियम के 05 अंगों का जीवन भर पालन करना चाहिए ।

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