पतंजलि के शब्दों में ईश्वर कौन है ? क्रमशः

 पतंजलि योग दर्शन में चित्त वृत्तियों को शांत करानें हेतु मूल रूप से 08 मार्ग बताये गए हैं जिनमे से अष्टांगयोग प्रमुख है ।

अष्टांयोग के 08 अंगों में नियम दूसरा अंग है । नियम का पाँचवां अंग ईश्वर प्रणिधानि है ।

ईश्वर प्रणिधानि के अंतर्गत ईश्वर को महर्षि पतंजलि परिभाषित करना चाह रहे हैं । इस प्रसंग में  आज आप कुछ और जान सकते हैं । देखिये , पढ़िए और मनन कीजिए निम्न स्लाइड में दी जा रही पतंजलि की सूचनाओं पर ⬇️



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