गीता और पूजन

गीता श्लोक –9.25

यान्ति देवब्रता:देवान् पितृन् यान्ति पितृव्रता: /

भूतानि यान्ति भूतेज्या:यान्ति मद्याजिन:अपि माम्//

इस श्लोक को कुछ इस प्रकार से पढ़ें … .....

देवब्रता:देवान् यान्ति पितृव्रता:पितृन् यान्ति/

भूतेज्या:भूतानि यान्ति मद्याजिन:माम् अपि यान्ति//

भावार्थ … ..

देव – पूजक देवताओं को प्राप्त करते हैं , पितरों की पूजा जो करते हैं वे पितरों को प्राप्त करते हैं , भूतों की पूजा करनें वाले भूतों को प्राप्त करते हैं और मेरी पूजा जो करते हैं वे मुझे प्राप्त करते हैं /

अब देखिये गीत श्लोक – 8.16 की दूसरी पंक्ति को जो इस प्रकार है … ..

माम् उपेत्य तु कौन्तेय पुनर्जन्म न् विद्यते//

वह जो मुझे प्राप्त करता है उसका पुनर्जन्म नहीं होता

इस श्लोक को समझनें के लिए दो बातों को समझना चाहिए ------

[]पूजा क्य है?

[]पुनर्जन्म का न होना क्या है?

पूजा क्य है?

साकार से निराकार में जो पहुंचा कर परमानंद की अनुभूति में डुबो कर रखे , वह है पूजा /

Pooja is an endless journey which starts from manifest and takes into unmanifest - experiencing which gives the devine bliss.

पुनर्जन्म क्या है?

मनुष्य का आत्मा जब भौतिक देह छोड़ कर प्रस्थान करता है तब उसके साथ मन भी होता है / मन पांच ज्ञानेन्द्रियों एवं पांच कर्म – इंद्रियों का जोड़ है / मन एक रहस्य है और रहस्य ही रहेगा क्योकि भगवान श्री कृष्ण गीता में कहते हैं .... इन्द्रियाणाम् मन च अस्मि [ गीता - 10.22 ] /

मनुष्य का आत्मा जब देह छोड़ता है तब यदि उस मनुष्य की कोई सघन अतृप्त कामना रहती है तब उस ब्यक्ति की आत्मा मन का गुलाम बन कर नये देह की तलाश करता है जिससे उस ब्यक्ति की वह सघन कामना तृप्ति हो सके / देव पूजन . पितर पूजन , यक्ष पूजन , भूत – प्रेत पूजन इस प्रकार के नाना प्रकार के पूजनों का सम्बन्ध मात्र कामना पूर्ति से है / कामना पूर्ती के लिए मनुष्य नाना प्रकार के पूजनों एवं यज्ञों का सहारा लेता है और उनकी कामना पूरी भी होती है लेकिन कामना का अर्थ होता है वह जो कभीं पूरी न हो और बुद्ध कहते हैं - कामना दुष्पूर होती है / वह ब्यक्ति जो अपनी साधना से गुणातीत स्थिति में पहुँच जाता है और समभाव में प्रभु की स्मृति में खोया रहता है , उस ब्यक्ति का आत्मा जब इस स्थिति में उसके भौतिक देह को छोड़ता है तब उस ब्यक्ति का दुबारा जन्म नहीं होता और वह परम गति को प्राप्त करता है //

===== ओम् =======



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