गीता के एक सौ सोलह सूत्र

गीता सूत्र –18 . 23

सूत्र कह रहा है ------

जिस कर्म के होनें के पीछे …...

आसक्ति

कामना

क्रोध

लोभ

मोह

कर्म – फल की उम्मीद

और----

अहंकार न हो , वह कर्म सात्त्विक कर्म होता है //


Here Gita says …....

That action which is done without attachment , desire , anger , greed , delusion ,

result and ego , is said to be sattvik action [ goodness action ] .

क्या हम ऐसे कर्म के बारे में सोच सकते हैं ?

कैसा होता होगा ऐसा कर्म ?

जिस दिन , जिस घडी इसे जाननें की सोच उठेगी वह दिन आप के लिए नया दिन होगा /

इस सूत्र को समझना ही कर्म – योग है //


=====ओम======


Comments

Popular posts from this blog

क्या सिद्ध योगी को खोजना पड़ता है ?

पराभक्ति एक माध्यम है

गीतामें स्वर्ग,यज्ञ, कर्म सम्बन्ध