गीता के116ध्यान – सूत्र

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गीता- 3.19

यह सूत्र कह रहा है …...

आसक्त रहित कर्म मुक्ति पथ है//

An action without attachment is a journey of NIRVANA .

गीता एक मात्र ऎसी किताब बाजार में उपलब्ध है जो ….

सर्वत्र उपलब्ध है

एक नहीं अनेक रूपों में उपलब्ध है

एक नहीं अनेक भाषाओं में उपलब्ध है

जिसकी कीमत इतनी कम है कि कोई भी खरीद सकता है

लेकिन …

यह तब संभव होगा जब अन्तः करण में गीता कि प्यास उठेगी/

गीता की बातें प्यारी लगती हैं,केवल पढनें में,लेकिन यदि उनको आप अपनें

जीवन में धारण करते संसार अपनी ओर खीचेगा और बहुत कम् लोग ऐसे होते हैं जो

संसार की ग्रेविटी के बिपरीत चल पाते हैं//


====ओम======





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