तत्त्व - ज्ञान " In the beginning was the word , and the word was with God , and the word was God . " ~~ John 1:1 > First verse in the Gospel ~~ ** प्रारंभ में शब्द था , ** शब्द प्रभु के साथ था , ** शब्द ही प्रभु था । <> गोस्पेलके माध्यम से क्या कहना चाह रहे हैं ? # अब देखते हैं भागवत क्या कह रहा है ? ## भागवत में इस सम्बन्ध में ब्रह्मा , मैत्रेयऋषि , कपिल मुनि और प्रभु कृष्ण क्रमशः स्कन्ध - 2 , 3 , 3 और 11 में निम्न बात कहते हैं । ## : तीन गुणों की माया से काल के प्रभाव में पहले महत्तत्व की उत्पत्ति होती है । ** : महत्तत्त्व पर काल का प्रभाव तीन प्रकार के अहंकारों को पैदा करता है । # : सात्विक अहंकार से मन की उत्पत्ति है । * : राजस अहंकार से इन्द्रियाँ और बुद्धि उपजती हैं । ** : तामस अहंकार से शब्द की उत्पत्ति है और :--- शब्द से अन्य चार तन्मात्र ( स्पर्श, रूप , रस और गंध ) एवं उनके अपनें -अपनें महाभूतों जैसे आकाश , वायु , तेज , जल और पृथ्वी की रचना होत...