श्रीमद्भागवत पुराण में सांख्य भाग - 2

 श्रीमद्भागवत पुराण में सांख्य भाग - 1 में ब्रह्मा , मैत्रेय , कपिल मुनि ( भागवत में ) कपिल मुनि सांख्य दर्शन में और प्रभु श्री कृष्ण द्वारा व्यक्त सांख्य आधारित सृष्टि विकास सिद्धान्त की एक रूप रेखा दी गई है । इस अंक में सिद्धांतों के प्रसंगों का संक्षिप्त विवरण भी एक तालिका में दिखाया गया है ।

अब भाग - 2 में ब्रह्मा , मैत्रेय , कपिल (भागवत में ) , कपिल मुनि संख्यदर्शन में और  प्रभु श्री कृष्ण द्वारा व्यक्त तत्त्व ज्ञान को एक जगह एक स्लाइड में ढालने का यत्न किया गया है ।

आगे चल कर हम इन सिद्धांतों को बिस्तर से अलग - अलग भी देखेंगे ।

भागवत में ब्रह्मा अपने पुत्र नारद को यह तत्त्व ज्ञान दिए हैं । जब यदुकुलके लोग प्रभास क्षेत्र में सागर तट पर आपस में लड़ते हुए स्वर्ग सिधार रहे थे तब सरस्वती तट पर पीपल पेड़ के नीचे बैठे प्रभु श्री कृष्ण उद्धव जी को मैत्रेय ऋषि की उपस्थिति में सांख्य तत्त्व ज्ञान को दिए थे । उद्धव - कृष्ण वार्ता भागवत में 11.7 - 12.29 में 1030 श्लोकों में दी गई है जिसमें भागवत - 11.24 ,  सांख्ययोग है ।

प्रभु श्रीकृष्ण मैत्रेय ऋषि को कह रहे हैं , निकट भविष्यमें गंगा द्वार स्थित आपके आश्रम पर विदुर जी आनेवाले हैं , आप इस तत्त्वज्ञान को उन्हें दे दीजियेगा ।

# गंगा द्वार आजका हरिद्वार है #

इस तरह मैत्रेय और प्रभु श्रीकृष्ण का तत्त्वज्ञान एक होना चाहिए लेकिन भागवत में ऐसा नहीं है जिसे आप आगे चल देख सकेंगे।

अब देखिये स्लाइड को 🔽


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