कारिका : 10 : व्यक्त - अव्यक्त में भेद


 ध्यान रखना होगा कि मूल प्रकृति को अव्यक्त कहते हैं और उसकी विकृति के फलस्वरूप उपजे 23 सर्ग व्यक्त कहलाते हैं।

तीन गुणों की साम्यावस्था को मूल प्रकृति कहते हैं ।

// ॐ //

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