पतंजलि अष्टांगयोग में सत्य की परिभाषा

 योग - परिचय के सम्बन्ध में यह 28 वां अंक है ।

यहाँ हम पतंजलि अष्टांगयोग के पहले अंग के दूसरे तत्त्व सत्य की परिभाषा को देख रहे हैं ।

पतंजलि समाधि पाद सूत्र : 36 में कह रहे हैं कि सत्य में प्रतिष्ठित क्रिया - फल का आश्रय होता है अर्थात ऐसा योगी कर्म करने से पहले उस कर्म के फल को देख लेता है।

अब देखते हैं निम्न स्लाइड को 👇



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