पतंजलि अष्टांगयोग में यम - नियम

 कपिल मुनि सांख्य दर्शन में सत्य - बोध के लिए जो द्वैत्य वाद का सिद्धांत देते हैं , उसे प्राप्त करने के लिए  द्वैत्य वादी पतंजलि बहुत सुंदर ,संदेह - भ्रम मुक्त निष्कण्टक ऐसा मार्ग दिखाते हैं जिससे परम सत्यकी अनुभूति संभव ही सकती है ।

प्रकृति - पुरुष इन दो सनातन शक्तियों के योग और प्रभु प्रकाश से सृष्टि है और प्रकृति को भोग कर पुरुष किस प्रकार से पुनः अपने मूल स्वभाव में लौट आता है , को पतंजलि बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत करते हैं ।

आइये ! देखते हैं , इस अष्टांगयोग श्रंखला जा अगला अंक⬇️



 

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