सांख्य कारिका - 7

 सांख्य दर्शन द्वैत्यबादी दर्शन है । यहाँ प्रकृति - पुरुष दो स्वतंत्र तत्त्व हैं । प्रकृति जड़ है , प्रसवधर्मी है और पुरुष शुद्ध चेतन है ।

प्रकृति पुरुष की ऊर्जा से 23 संर्गों की उत्पत्ति करती है जिनसे सृष्टि रचना होती है । 

सांख्य में केवल 72 उपलब्ध कारिकाएँ हैं , जिनको हम यहाँ देख रहे हैं । अगले अंक में आठवीं कारिका को देखा जाएगा ।



Comments

Popular posts from this blog

क्या सिद्ध योगी को खोजना पड़ता है ?

पराभक्ति एक माध्यम है

मन मित्र एवं शत्रु दोनों है