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सांख्य कारिका - 7
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सांख्य दर्शन द्वैत्यबादी दर्शन है । यहाँ प्रकृति - पुरुष दो स्वतंत्र तत्त्व हैं । प्रकृति जड़ है , प्रसवधर्मी है और पुरुष शुद्ध चेतन है । प्रकृति पुरुष की ऊर्जा से 23 संर्गों की उत्पत्ति करती है जिनसे सृष्टि रचना होती है । सांख्य में केवल 72 उपलब्ध कारिकाएँ हैं , जिनको हम यहाँ देख रहे हैं । अगले अंक में आठवीं कारिका को देखा जाएगा ।
सांख्य में कारण , कार्य और करण
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यहाँ सांख्य दर्शन आधारित सृष्टि रहस्य को आप देख रहे हैं । वेदांत दर्शन में माया - ब्रह्म , सांख्य में प्रकृति - पुरुष रहस्य सामानांतर रहस्य हैं , केवल शब्दों में अंतर है । श्रीमद्भागवत पुराण स्कन्ध - 2 , 3 और 11 में क्रमशः ब्रह्मा , मैत्रेय , कपिल मुनि ( सांख्य दर्शन के आदि मुनि ) और प्रभु श्री कृष्ण की सृष्टि उत्पत्ति रहस्य को बताया गया है । भागवत में वर्णित सृष्टि रहस्य ईश्वरकृष्ण रचित सांख्य कारिकाओं में वर्णित सृष्टि रहस्य (जैसा यहाँ स्लाइड में दिखाया जा रहा है ) जैसा ही हैं लेकिन कुछ बदलाव भी देखा जा सकता है । अगले अंक में कारण , कार्य और दो प्रकार के करण को आप देख सकेंगे ।
सांख्य कारिका - 5 , तीन प्रमाण क्या हैं ?
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कारिका - 4 में देखा गया कि किसी वस्तु / बिषय के सत्यापनको निश्चित करानें के उपाय को प्रमाण कहते हैं । प्रमाण 03 प्रकार के हैं । पहला प्रत्यक्ष प्रमाण प्रायः सभीं दर्शनों द्वारा मान्य है । तीसरे प्रमाण - आप्त वचन जे सम्बन्ध में पहले बताया जा चुका है , और अब ... दूसरा अनुमान प्रमाण 03 प्रकार का बताया गया है । यहाँ देखिये ⬇️ इस नीचे दी गयी स्लाइड को ....