गीता संकेत तीन
गीता संकेत में हम गीता के उन सूत्रों को देख रहे हैं जिनका सम्बन्ध मनुष्य , मृत्यु एवं परमात्मा से है / आइये देखते हैं इस सम्बन्ध में अगला सूत्र क्या कह रहा है ------ गीता सूत्र – 7.30 स – अधिभूत अधिदैवम् माम् स – अधियज्ञम् च ये विदु : / प्रयाण काले अपि च माम् ते विदु : युक्त – चेतसः // वह जो अधिभूत [ समयाधीन बस्तुओं में ] , अधिदैव [ ब्रह्मा के रूप में ] एवं अधियज्ञ [ यज्ञों के मूल रूप में ] मुझे देखता है , वह अंत समय में भी मुझे देखते हुए पूर्ण होश में प्राण त्यागता है और मुझे प्राप्त करता है // यह सूत्र कह रहा है ----- वह जिसका जीवन प्रभु केंद्रित रहा होता है वही अंत समय में भी प्रभु को देखता है // जब कोई आखिरी श्वास भर रहा होता है तब घर के सभीं लोग बहुत ब्यस्त जो जाते हैं . कोई भाग रहा है गंगा जल की खोज में , कोई भाग रहा है तुलसी दल की तलाश में , कोई गीता खोज रहा है और कोई डाक्टर को बुलानें गया होता है यह सुनिश्चित करनें के लिए , अभीं प्राण तन में तो नहीं कहीं अटक रहा / गीता में प्रभु यह नहीं कहते कि वह जिसका जीवन काम , ...