सांख्य में प्रकृति - पुरुष सार का अगला अंक

 सांख्य दर्शन में प्रकृति - पुरुष सार

भाग : 2 + 3 + 4

इस श्रृंखला के प्रथम भाग में ईश्वर कृष्ण रचित उपलब्ध 72 कारिकाओं में से उन 26 कारिकाओं की एक तालिका दी गयी है जिनका सम्बन्ध प्रकृति - पुरुष से है और साथ स्लाइड - 2 में कारिका - 3 का सार भी दिया गया है जो प्रकृति - पुरुष से सम्बंधित है ।

अब इन स्लाइड्स -  2 , 3 और 4 में शेष 25 कारिकाओं के सार को व्यक्त करने का प्रयाश हो रहा है ।

# ध्यान रखें और स्वयंकी स्थिति को भी निम्न के आधार पर समझें कि आप कहाँ हैं ?

◆ तीन प्रकारके ज्ञान - जिज्ञासु होते हैं ; पहले वे जो तोते की भांति रटना चाहते हैं , दूसरे वे जो निश्चयात्मिका बुद्धि से सत्य को समझते हैं । तीसरे वे हैं जो अनिश्चयात्मिका बुद्धि वाले हैं। 

दूसरी श्रेणी उनकी है जो योग साधना में प्रश्न मुक्त बुद्धि से जुड़ते हैं या फिर अभ्यास से अपनीं बुद्धि को प्रश्न मुक्त कर लेते हैं । तीसरी श्रेणी उनकी है जिनकी बुद्धि प्रश्न , तर्क , वितर्क और अहँकार के कीचड़ से निकलना नहीं चाहती।

पहली और तीसरी श्रेणी के लोग योग से इस लिए जुड़ते हैं जिससे वे स्वयं के उस स्वरुप को लोगों को दिखा सकें जो वे नहीं हैं । दूसरी श्रेणी के लोगों की  योग यात्रा सीधी और अवरोध मुक्त होती है और उनको कैवल्य में पहुँचा देती है ।




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