सिद्ध योगी आप के पास ही है
यहूदी धर्म - शास्त्र कहता है------ तूं क्या परमात्मा को खोजेगा , परमात्मा तेरे को खोज रहा है ........ यह छोटा सा सूत्र रूपांतरण की औषधि है , यदि इसे ढंग से लिया जाए । हम बचपन से सुन रहे हैं ------ बिनु मांगे मोती मिले , मांगे मिले न भीख , अब आगे ................. बिचारा अली हफ़ीज़ भीख मांगते हुए किसी शहर की एक गली में दम तोड़ गया जिसके खेत में मिला कोहनूर हीरा जो आज तक ब्रितानिया की महारानी के सर पर चमक रहा है ....ऐसा क्यों कर हुआ ? बिचारा हफ़ीज़ अपनें खेत में पड़े हीरों को पहचान न पाया , न पहचाननें की कोशिश ही किया फल स्वरूप भूखे पेट शरीर छोड़ गया , ज्यादातर लोग अली हफ़ीज़ की तरह ही हैं । आप को तो मैं जानता नहीं , पहचानता नहीं , लेकिन जब से मैं स्वयं को समझनें की कोशिश में लगा हूँ , मुझे अब ऐसा लगनें लगा है की शायद मेरा भी अंत अली हफ़ीज़ की ही तरह न हो । अली हफ़ीज़ की मौत परम धाम के द्वार को भी खोल सकती है यदि आखिरी श्वाश भरते - भरते यह एह्शाश हो जाए की परमात्मा द्वारा मिला मौका मैनें ब्यर्थ में गवा दिया , लेकिन ऐसे लोग बहुत कम होंगे । प्यारे मित्रों ! भूल होना मन- बुद्धि केंद्रित ब्यक्त