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प्रलय की तस्बीर

● प्रलयके प्रकार ● °° सन्दर्भ : भागवत : 3.11+ 11.4 + 12.4 °° ** प्रलय चार प्रकारकी हैं :--- 1- नैमित्तिक प्रलय : यह प्रलय 4.2 billion वर्षों के बाद होती है ।यह अवधि 1000 x ( चार युगोंकी अवधी ) के बराबर होती है ।इस प्रलयके बाद इतनें और समय तक कोई सृष्टि नहीं होती सर्वत्र अँधेरा और जल होता है ।गीता अध्याय - 8 सूत्र 16-20 तक में ऐसी स्थितिको ब्यक्त किया गया है ।एक कल्पमें 14 मनु होते हैं और एक मनुका समय होता है 71.6/14x चार युगों की अवधि । 2- प्राकृतिक प्रलय : इस प्रलयको भागवत : 11.3 में देखा जा सकता । इस प्रलयमें प्रकृति की कोई सूचना तो होती ही नहीं यहाँ तक कि सूक्ष्म मूल तत्त्व जैसे महत्तत्त्व ,अहंकार , 05 तन्मात्र (बिषय ) भी अपनें मूल प्रकृतिमें समा जाते हैं । * वायु पृथ्वीके गंधको लेलेती है और पृथ्वी जलमें बदल जाती है । *जलका रस वायु चूस लेती है और जल अग्नि में बदल जाता है । * अन्धकार अग्निका रूप लेलेता है और अग्नि वायीमें बदल जाती है । * आकाश वायुसे स्पर्श लेलेता है और वायु आकाश में समा जाती है । * आकाशसे शब्द काल लेलेता है और आकाश तामस अहंकारमें बदल जाता है । * इस प्रक