गीता सन्देश - 05
गीता तत्व विज्ञान क्या बताएगा ? गीता तत्त्व विज्ञान बताएगा :------ [क] मनुष्य क्यों परमात्मा को पकड़ना चाहता है ? [ख] क्या परमात्मा मनुष्य को नहीं ढूढ़ रहा ? [ग] मनुष्य क्यों इतना अतृप्त है और समय के साथ - साथ यह और बढ़ती क्यों जा रही है ? [घ] मनुष्य अपनें स्वार्थ के लिए सब को अपनाता है लेकीन बाद में उसे दूर कर देता है , क्यों ? [च] मनुष्य क्यों भोग के चारों तरफ घूमता रहता है ? [छ] मनुष्य जो भी करता है , वह काम से सम्बंधित होता है , ऐसा क्यों ? [ज] मनुष्य क्यों इनका गुलाम है :----- ** तीन गुणों का , अर्थात ....... काम का ---- कामना का --- क्रोध का ---- मोह का ---- भय का ---- अहंकार का ----- और जब इनमें उसे कुछ मिलता नहीं दिखता तो वह भागता है ........ मंदिर की ओर , ऐसा क्यों ? मनुष्य क्यों ..... न भोग में ठहरता है --- न योग में , आखिर , उसे क्या चाहिए ? इन तमाम बातों को हम गीता तत्त्व विज्ञान में देखनें जा रहे हैं ॥ गीता में प्रभु श्री कृष्णा कहते हैं :----- चलना तुमको है , जहां से चलना चाहो , चलो , चाहे वह ------- इन्द्रियाँ हो मन हो बुद्धि हो ह्रदय हो मैं सब में हूँ , बश इतना सा होश जगाय