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आसक्ति को समझो

<> आसक्ति क्या है ? गीताके माध्यम से आसक्ति जो समझनें हेतु गीता के कुछ सूत्रों को यहाँ दिया जा रहा है ,आप इन सूत्रोंको  अपनें ध्यानका श्रोत बना सकते हैं ।  ● गीता श्लोक : 2.48+2.56+2.60+2.62+2.63+ 3.19+3.20+3.25+3.34+4.10+ 4.22+5.10+5.11+18.23+18.49+18.50  **  गीताके ऊपर दिए गए 16 श्लोकोको  यहाँ देखते हैं :---  1-● सूत्र - 2.48 :  योगस्थ: कुरु कर्माणि संगम् त्यक्त्वा धनञ्जय।  सिद्धयसिद्धयो : समः भूत्वा समत्वं योग उच्यते ।।  " आसक्ति रहित मनकी स्थिति समत्व योग की स्थिति है जहाँ अनुकूल - प्रतिकूल परिस्थितियों से मन -वुद्धि प्रभावित नहीं होते।"   " Action without attachment maintains the evenness of mind and this state of mind is called Evenness Yoga . "  2-● सूत्र - 2.56 :  दुखेषु अनुद्विग्नमना : सूखेषु विगतस्पृह : ।  वीत राग भय क्रोधः मुनिः स्थितधी: उच्यते ।।  " राग ,भय ,क्रोध रहित सुख -दुःख से अप्रभावित स्थिर - बुद्धि योगी होता है ।"  " man of equality and free from  moledy , anger and fear is Steadfast Yogin . "  3-● सूत्र - 2.60 :  य