चाह का फल
गीता कहता है ....चाह अज्ञान की जननी है ----श्लोक 7.20 गोदी का बच्चा माँ की गोदी छोड़ना नहीं चाहता और ज्यों- ज्यों बड़ा होता जाता है माँ से दूर भागनें लगता है ...ऐसा क्यों ? बच्चा गर्भ में माँ की संवेदनाओं को ग्रहण करता रहता है और भारतीय गर्भवती महिला का हर पल भय में गुजरता है ; कभीं वह इस बात से चिंतित रहती है की बेटा होगा या बेटी , कभी गर्भ में पल रहे शिशु की सुरक्षा को ले कर भय होता है और कभी उसे अपनी सुरक्षा का भय सताता है । घर का मोहौल , अपनीं एवं शिशु की सुरक्षा, गर्भवती महिला के लिए भय के कारण हैं । मनुष्य को गर्भ से मोह- भय एवं कामना का अनुभव मिला हुआ है । गीता कहता है ---कामना एवं मोह- भय अर्थात राजस-तामस गुण अज्ञान की जननी हैं [ गीता ॥ 7.20 , 18.72- 18.73 ], जिसको जो पार कर गया ...... वह सत्य को जान गया लेकिन ज़रा सोचना क्या हम उसको छोड़ना चाहते हैं जो हमारे मुट्ठी में बंद है ? भय साथ खोजती है और छोटा बच्चा जिसको गर्भ से भय मिला है उसको माँ के रूप में एक सुरक्षा -कवच दीखता है और वह माँ को छोड़ना नहीं चाहता । धीरे- धीरे वक्त गुजरता जाता है , बच्चा बड़ा हो जाता है , उसे संसार अ