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ऊब का श्रोत क्या है ?

प्रोफ़ेसर एल्बर्ट आइन्स्टाइन कहते हैं ---- The deep immotional conviction of the presence of a superior reasoning power, which is revealed in the incomprehensive universe, forms my idea of God . [क] श्री राम - कथा को लोग त्रेता - युग से सुन रहे हैं , लेकीन क्या सुनानें एवं सुननें वालों में ऊब दिखती है ? [ख] परम श्री कृष्ण की कथा लोग द्वापर से सुना रहे हैं लेकीन क्या सुनानें वाले एवं सुननें वालों में ऊब दिखती है ? [ग] कारोबार , परिवार , धन - दौलत सब कुछ फ़ैल रहा है तो क्या ऐसे लोगों में ऊब दिखती है ? आप इन कुछ प्रश्नों के माध्यम से ऊब को समझनें की कोशिश करें । दुखी ब्यक्ति के गीत से भी आंशू टपकते हैं और सुखी ब्यक्ति के दुःख के गीत में भी दुःख की झलक नहीं मिलती । यहाँ सुख - दुःख गुण आधारित सुख - दुःख नहीं हैं जो आते - जाते रहते हैं । ऊब आलस्य की परछाई है और आलस्य तामस गुण का तत्त्व है । जब तक गुणों का प्रभाव रहता है आलस्य का आना - जाना लगा रहता है और जब कोई परम - ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाता है , गुनातीत हो जाता है तब उसमें ऊब के लिए कोई मार्ग नही होता । ऐसा ब्यक्ति जिसके देह के नव द्वार [ ग