गीता सन्देश - 12
आसक्ति में हम गीता के तीन और सूत्रों को देखते हैं :----- [क] सूत्र - 5.10 अनासक्त योगी भोग में कमलवत रहता है ॥ [ख] सूत्र - 18.49 आसक्ति रहित कर्म से नैष्कर्म की सिद्धि मिलती है ॥ [ग] सूत्र - 18.50 नैष्कर्म की सिद्धि ज्ञान - योग की परा निष्ठा है ॥ गीता का साधना के सम्बन्ध में निचोड़ है ----- गीता सूत्र - 4.38 प्रभु कहते हैं ...... सभी मार्ग मेरे में समाते हैं , जो उचित समझो उसे अपनाओ लेकीन ------ इतना सोचके साधना में उतरना की ...... सभी मार्ग जहां मिलते हैं , उसका नाम है - ज्ञान ॥ ===== ॐ =====