गीता मर्म - 13
गीता संकेत [क] माया का गुलाम माया पति कैसे बनेगा ? [ख] गुणों का गुलाम गुनातीत कैसे हो सकता है ? [ग] कर्मों का गुलाम कर्म - योगी कैसे बन सकता है ? [घ] मोह में उलझा बैरागी कैसे बनेगा ? [च] अहंकार का गुलाम भक्त कैसे बनेगा ? [छ] काम में उलझा संन्यासी कैसे बन सकता है ? [ज] किताबों में फसा , ग्यानी कैसे हो सकता है ? [झ] राग , भय एवं क्रोध का जो गुलाम हो वह सम भाव योगी कैसे होगा ? आप गीता के इन संकेतों में अपनी ऊर्जा को लगाएं और तब आप को जो आनंद मिलेगा , उसका मज़ा देखें ॥ ===== ॐ =======