गीता सन्देश - 11

आसक्ति से सम्बंधित
गीता के कुछ सूत्र [ भाग - 01]

सूत्र - 2.48

आसक्ति रहित कर्म समत्व - योग है ॥

सूत्र - 4.22
समत्व - योगी कर्म - बंधनों से मुक्त होता है ॥

सूत्र - 3.19 - 3.20
अनासक्त कर्म , प्रभु का द्वार खोलता है और ऐसा योगी राजा जनक जैसा कर्म करता हुआ भी
बिदेह की स्थिति में रहता है ॥

गीता के चार सूत्र कौन सी राह दिखा रहे हैं ?
गीता को बुद्धि से पकड़ना चाहिए और एक सूत्र कमसे कम एक सप्ताह के लिए काफी होता है
और तब ....
उसमेंसे जो ज्ञान की किरण मिलती है , वह प्रभु मय बना देती है ॥
गीता से ज्ञान की किरणों का विकिरण हर पल हो रहा है ,
बस उस ऊर्जा क्षेत्र में ------
तन ....
मन ....
और
बुद्धि से शांत हो कर बैठनें का अभ्यास जरुरी है ॥

===== ॐ =====

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