गीता सन्देश - 08 [ Gita sandesh - 08 ]


बिषय , ज्ञानेन्द्रियाँ और मन समीकरण
[ Objects , senses and mind equation ]

कहीं जानें की जरुरत नहीं : न ध्यान केंद्र जाइए ,
न किसी गुरु की तलाश में भटकिये
न कुछ और कीजिये ,
केवल एक काम करना है
अपनें पांच ज्ञानेन्द्रियों की चाल पर ध्यान रखना है
हर वक़्त इतना देखते रहना है की कौन सी इन्द्रिय कहां रुक रही है
और ------
रुकनें से मन में कैसा विचार उठ रहा है ॥
हमारे अन्दर जितनी ऊर्जा है , उसका लगभग नब्बे प्रतिशत भाग दो तरह से खर्च होता है ;
[क] मन वर्तमान के बिषय पर क्या मनन करता है ? , इस पर , और .....
[ख] भूत काल की सोचों पर मन क्या सोचता है ?
मन की गति पर बेहोश रहना , भोगी के लक्षण हैं
और .....
मन के पल - पल की गतिविधियों पर नज़र रखना .......
ध्यान है ॥

==== ॐ ======

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