संतोष और तप क्या हैं ?

पतंजलि के शब्दों में अष्टांगयोग के दूसरे अंग नियम के दूसरे और तीसरे अंगों (संतोष और तप ) के सम्बन्ध में महर्षि पतंजलि कह रहे हैं 👇




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