प्रत्याहार पतंजलि के शब्दों में

 पतंजलि योग की यात्रा में हम चार पड़ावों को पार कर चुके हैं और आज पांचवें पड़ाव पर आ पहुंचे हैं जहाँ से समाधि तीसरा पड़ाव है ।

इन्द्रिय नियोजन , इंद्रजीत होना , कैवल्य की यात्रा को अति सुगम बना देता है और प्रत्याहार पूर्ण इन्द्रिय नियोजन अवस्था का नाम है। आइये ! देखते हैं पतंजलि के शब्दों में प्रत्याहार को 👇



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