प्रणव (ॐ ) क्या है ?

 पतंजलि समाधि पाद सूत्र : 27 में बताया गया कि ....

प्रणव ( ॐ ) या एक ओंकार प्रभु का संबोधन है और इसका अर्थ समझते हुए जप करने से योग की उच्च भूमि मिलती है ।

पतंजलि नियम के आखिरी अंग ईश्वर प्रणिधानि के संदर्भ में यह बात कहते हैं । अब देखते हैं , प्रणव के सम्बन्ध में कुछ बातें ⬇️



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