प्रभु का संबोधन ॐ है ~पतंजलि

 पतंजलि अपनें समाधि पाद सूत्र : 27 , 28 और 29 में बता रहे हैं कि प्रणव ( ॐ ) प्रभु का संबोधन है ।

ॐ जाप करते रहने से निर्गुण , निराकार , सर्वत्र व्याप्त ईश्वर की अनुभूति हृदय में होने लगती है ।

प्रभु जो मन - बुद्धि - अहँकार की पकड़ की सीमा से परे है , उसकी आहट ॐ जाप से हृदय में मिलने लगती है।

देखिये यहाँ , महर्षि पतंजलि के सुत्रों को ⬇️



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