महर्षि पतंजलि के शब्दों में शौच क्या है ?

 पतंजलि योग दर्शन में शौच अष्टांगयोग के दूसरे अंग नियम जा पहला अंग हैं ।

यम की तरह नियम के भी 05 अंग हैं । यम के 05 अंगों जा अभ्यास करना होता है और नियम के 05 अंगों का जीवन भर पालन करना चाहिए ।

👉 अब आगे 👇



Comments

Popular posts from this blog

क्या सिद्ध योगी को खोजना पड़ता है ?

पराभक्ति एक माध्यम है

मन मित्र एवं शत्रु दोनों है