यजुर्वेद की संहिताएँ
यजुर्वेद की संहिताएं…
➡️कृष्ण यजुर्वेद की केवल निम्न 05 संहिताएं उपलब्ध हैं ⤵️
तैत्तिरीय , मैत्रायणी , कठ और कपिस्थल , बाजसनेय ।
➡️ शुक्ल यजुर्वेद से संबंधित मध्यदिन और काण्व 02 संहिताएं उपलब्ध हैं ।
इस समय जो यजुर्वेद उपलब्ध है वह मध्यदिन संहिता ही है । इसमें 40 अध्याय हैं और इनमें 1975 कण्डिकाएँ हैं । एक कण्डिका में कई मंत्र होते हैं । 40 अध्यायों में 3988 मंत्र हैं ।
यजुर्वेद का संबंध कर्मकाण्ड से अधिक है अतः विभिन्न यज्ञों का विस्तार से वर्णन इसमें मिलता है ।
यजुर्वेद की शाखाएं
काठक , कपिष्ठल , मैत्रियाणी और वाजसनेयी।
वेदव्यास के शिष्य वैशम्पायन के 27 शिष्योंमें से एक थे ,याज्ञवल्कय ऋषि । याज्ञवल्कय से तैत्तिरीय संहिता का जन्म हुआ ।
।। ॐ ।। 6अक्टूबर
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