सांख्यकारिका 31 - 40 में क्या - क्या देखे ?
कारिका : 31 - 40
क्या - क्या देखे ?
💐 यहाँ नीचे एक टेबल दिया जा रहा है । इस टेबल में कारिका : 31 - 40 के बिषयों का सार दिया जा रहा है । ऐसा इसलिए किया जा रहा है जिससे पढ़ने वालों में इन कारिकाओं से सम्बंधित ज्ञान की स्मृति बनी रहे । आगे कारिका 41 का बिषय भी वही है जो कारिका : 40 का है अर्थात लिङ्ग शरीर ।
💐 ध्यान रखें और सोचें भी कि लिङ्ग शरीर 25 सांख्य तत्त्वों में नहीं है और इस शब्द का प्रयोग पुरुष तत्त्व के संबोधन के रूप में किया गया है । लिङ्ग शरीर के माध्यम से पुनर्जन्म होता है और जबतक पुरुष को कैवल्य नहीं मिल जाता , वह लिङ्ग शरीर के माध्यम से बार - बार विभिन्न योनियों में जन्म लेता रहता है । लिङ्ग शरीर का एक प्रमुख तत्त्व संस्कार है । याद रखना होगा कि यह संस्कार वह संस्कार नहीं जिसे आप आम भाषा में प्रयोग करते हैं , यह संस्कार शब्द सांख्य और पतंजलियोग दर्शन का शब्द है जिसे आप आगे चल कर
देखेंगे ।
अब देखिये टेबल ⬇️
।। ॐ ।।
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