अष्टांगयोग साधना में ब्रह्मचर्य क्या है ?

 अष्टांगयोग साधना में ब्रह्मचर्य यम का चौथा अंग है।

महर्षि ब्रह्मचर्य के सम्बन्ध में केवल इतना कहते हैं कि  ब्रह्मचर्य में रहने से वीर्य लाभ होता है ।

देखिये महर्षि के सूत्र को सूत्र के भावार्थ को ।



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