योग क्या है भाग - 21 ज्ञानयोग - 5
योग परिचय श्रंखला का यह 21 वां अंक है । इसके अंतर्गत ज्ञान योगबक यह 5 वां अंग है जिसमें गीता के कुछ श्लोकों के सार को देख रहे हैं । इन श्लोकों का मूल आधार सांख्ययोग और पतंजलियोग दर्शन हैं
प्रकृति - पुरुष संयोग से इस संसार श्रुति - दृश्य सूचनाओं की उत्पत्ति है । इस सांख्य दैत्य बादी सिद्धान्त को वेदांत किस तरह से अद्वैतवादी बनाता है ? इसे थीक -ठीक यहाँ समझ जा सकता है ।
ध्यान रखना होगा कि सांख्य दर्शन महाभारतसे अधिक प्राचीन है और गीता महाभारत का एक अंश है।
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