गीता श्लोक - 15.8
शरीरं यत अवाप्नोति यत च अपि उत्क्रामति ईश्वरः ।
गृहीत्वा एतानि संयति वायु : गंधाम इव आशयात ॥
शरीर त्याग कर आत्मा जब गमन करता है तब .....
उसके साथ ----
मन और इन्द्रियाँ भी होते हैं ॥
When spirit leaves the physical body after its death , it carries .....
mind and the .....
senses .
गीता के श्लोक ऐसे हैं जैसे एंटी बायटिक के कैप्सूल जिसको डिकोड करना ही ......
गीता - योग है
या
जिसको ....
बुद्धि - योग कहते हैं ॥
मन वह है जिसके फैलाव के रूप में दस इन्द्रियाँ हैं ।
मन के औजार हैं , इन्द्रियाँ और धीरे - धीरे यही इन्द्रियाँ मन को अपना गुलाम बना लेती हैं ।
मन हमारे देह में ऐसे है जैसे -----
हवाई जहाज़ों में ब्लैक बोक्स होता है ।
सृष्टि के प्रारम्भ से आज तक का लेखा - जोखा मन में होता है
और .......
आत्मा को देह छोडनें के समय ये सूचनाएं
अगले जन्म के लिए नियंत्रित करती हैं ।
==== ॐ ======
गृहीत्वा एतानि संयति वायु : गंधाम इव आशयात ॥
शरीर त्याग कर आत्मा जब गमन करता है तब .....
उसके साथ ----
मन और इन्द्रियाँ भी होते हैं ॥
When spirit leaves the physical body after its death , it carries .....
mind and the .....
senses .
गीता के श्लोक ऐसे हैं जैसे एंटी बायटिक के कैप्सूल जिसको डिकोड करना ही ......
गीता - योग है
या
जिसको ....
बुद्धि - योग कहते हैं ॥
मन वह है जिसके फैलाव के रूप में दस इन्द्रियाँ हैं ।
मन के औजार हैं , इन्द्रियाँ और धीरे - धीरे यही इन्द्रियाँ मन को अपना गुलाम बना लेती हैं ।
मन हमारे देह में ऐसे है जैसे -----
हवाई जहाज़ों में ब्लैक बोक्स होता है ।
सृष्टि के प्रारम्भ से आज तक का लेखा - जोखा मन में होता है
और .......
आत्मा को देह छोडनें के समय ये सूचनाएं
अगले जन्म के लिए नियंत्रित करती हैं ।
==== ॐ ======
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