ऋग्वेद दर्शन

 ऋग्वेद आदि वेद माना जाता है लेकिन इसकी भाषा न तो संस्कृत है और न ही प्रकृति । प्रकृति भाषा संस्कृत से भी पहले की भाषा है जिसका प्रयोग जैन शास्त्रों में देखा जाता है । 

मूल ऋग्वेद को संस्कृत में कब और कैसे ढाला गया , कुछ नहीं कहा जा सकता ।

जो भी हुआ हो हमें तो ऋग्वेद के माध्यम से ज्ञान को लेना है अतः निम्न दो स्लाइड्स को देखते और देख कर समझने का यत्न करते हैं।



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