गीता अम्रित - 92


गीता में क्या है ?

## गीता में क्या है ? की सोच प्रभु से दूर ले जाती है और .......
## गीता में स्वयं को खोजनें वाला एक दिन प्रभु से परिपूर्ण हो उठता है

[क] सम्पूर्ण ब्रहांड का आदि , मध्य और अंत का रहस्य , गीता देता है
[ख] सृष्टि का अदि , मध्य एवं अंत का राज , बताता है , गीता
[ग] संसार क्या है , संसार के तत्त्व क्या हैं और मनुष्य - संसार का कैसा सम्बन्ध है ,
बताता है , गीता
[घ] गुण क्या हैं , गुण - आत्मा का क्या सम्बन्ध है , मिलता है , गीता में
[च] कर्म , कर्म संन्यास , त्याग एवं बैराग्य का राज बताता है , गीता
[छ] भोग - योग के सम्बन्ध को ब्यक्त करता है , गीता
[ज] काम क्या है , काम का पूरा ज्ञान देता है , गीता
[झ] कामना , क्रोध , लोभ , भय , अहंकार एवं मोह का समीकरण मिलता है , गीता में
[प] ध्यान , ज्ञान एवं आत्मा - परमात्मा के समीकरण को देता है , गीता
[फ] भावातीत सत्य को कैसे समझें , बताता है , गीता
काम से राम ----
राग से रहीम ----
भोग से बैराग्य .....
और अंततः -----
आत्मा के शरीर छोडनें का रहस्य , बताता है .....

गीता

===== ॐ =====

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