गीता क्या है ?
धर्म क्षेत्र कुरुक्षेत्र में कौरव तथा पांडव के सेनाओं के मध्य अर्जुन के मोह को समाप्त करनें की दृष्टि से परम
श्री कृष्ण एवं अर्जुन के माध्यम से ज्ञान-योग तथा कर्म-योग का जो मार्ग निकलता है उसका नाम श्रीमदभगवद गीता है ।
गीता में 700 श्लोक हैं - 556 श्लोक परम श्री कृष्ण के हैं , 103 श्लोक अर्जुन के हैं , 40 श्लोक संजय के हैं और एक श्लोक ध्रितराष्ट्र का है ।
गीता में अर्जुन के 16 प्रश्न हैं जिनका उत्तर परम श्री कृष्ण देते हैं ।
एक बात आपको समझनी है ---गीता महाभारत नहीं है अतः गीता के सन्दर्भ में महाभारत का सहारा न लें ।
गीता शांख्य-योग की गणित है , इसमें कहानियाँ नहीं हैं लेकिन लोग इसको भी कहानियों में ढाल दिया है ।
गीता प्रत्येक हिन्दू परिवार में होता है लेकिन लोग इसको पढ़ते नहीं हैं , पूजते हैं ।
गीता की पूजा से क्या होगा , यह तो जीवन जीनें की नियमावली है ।
गीता जैसा है ठीक उसी तरह पढनें से कुछ नहीं मिल सकता, गीता पढ़नें की कला को समझना चाहिए ।
गीता जन्म से मृत्यु तक , भोग से वैराग तक , भोग-कर्म से योग-कर्म तक , भाव से भावातीत तक तथा
गुणों से गुनातीत तक का मार्ग है ।
क्या आप परम श्री कृष्ण के गीता से मिलना चाहेंगे ? यदि हाँ तो -----
इतनी सी बात अपनें अन्दर बैठानी पड़ेगी ---गीता से आप को मिलेगा तो कुछ नहीं पर छीन जाएगा वह सब जिसको आप पकड़ कर बैठें हैं ।
=====ॐ======
श्री कृष्ण एवं अर्जुन के माध्यम से ज्ञान-योग तथा कर्म-योग का जो मार्ग निकलता है उसका नाम श्रीमदभगवद गीता है ।
गीता में 700 श्लोक हैं - 556 श्लोक परम श्री कृष्ण के हैं , 103 श्लोक अर्जुन के हैं , 40 श्लोक संजय के हैं और एक श्लोक ध्रितराष्ट्र का है ।
गीता में अर्जुन के 16 प्रश्न हैं जिनका उत्तर परम श्री कृष्ण देते हैं ।
एक बात आपको समझनी है ---गीता महाभारत नहीं है अतः गीता के सन्दर्भ में महाभारत का सहारा न लें ।
गीता शांख्य-योग की गणित है , इसमें कहानियाँ नहीं हैं लेकिन लोग इसको भी कहानियों में ढाल दिया है ।
गीता प्रत्येक हिन्दू परिवार में होता है लेकिन लोग इसको पढ़ते नहीं हैं , पूजते हैं ।
गीता की पूजा से क्या होगा , यह तो जीवन जीनें की नियमावली है ।
गीता जैसा है ठीक उसी तरह पढनें से कुछ नहीं मिल सकता, गीता पढ़नें की कला को समझना चाहिए ।
गीता जन्म से मृत्यु तक , भोग से वैराग तक , भोग-कर्म से योग-कर्म तक , भाव से भावातीत तक तथा
गुणों से गुनातीत तक का मार्ग है ।
क्या आप परम श्री कृष्ण के गीता से मिलना चाहेंगे ? यदि हाँ तो -----
इतनी सी बात अपनें अन्दर बैठानी पड़ेगी ---गीता से आप को मिलेगा तो कुछ नहीं पर छीन जाएगा वह सब जिसको आप पकड़ कर बैठें हैं ।
=====ॐ======
Comments
गतासूनगतासूनश्च नानुशोचंति पण्डिता:
।
अर्जुन के अस्त्र डाल देने के बाद कृष्ण का प्रथम वाक्य ही आप के इस कथ्य का प्रमाण है,
"
....छीन जाएगा वह सब जिसको आप पकड़ कर बैठें हैं ।"
लेकिन गीता से कुछ मिलेगा नहीं, यह बात तो ग्राह्य नहीं है।
स्वागत है। word verification रखा है तो हटा दें, कष्टकारी है।
dhanyawad