गीता में दो पल - 9
* 24 तत्त्वों का बोध साकार उपासना है ।
10 इन्द्रियाँ , 5 महाभूत , 5 तन्मात्र और 4 अन्तः करण ( मन + बुद्धि + चित्त + अहंकार ) - ये हैं साधना के 24 तत्त्व ।
* ऊपर ब्यक्त 24 तत्त्वों की साधन सगुन ब्रह्म की साधना है ।
* जब यह साधना पकती है तब वह साधक स्वतः निर्गुण ब्रह्म - साधना में होता है ।
* निर्गुण ब्रह्म साधक,काल का बोधी होता है ।
* काल का बोधी माया का द्रष्टा होता है ।
* ऐसे साधक दुर्लभ होते हैं ।
~~~ ॐ ~~~
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